काली माता मंदिर बहू किले में बना हुआ है। बहू किला जम्मू शहर, जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है। बहू किला जम्मू तवी नदी के किनारे बना हुआ है। यह किला लगभग 3000 साल पहले राजा बहू लोचन द्वारा बनाया गया था। 19वीं सदी में डोगरा शासकों द्वारा इसका नवीनीकरण किया गया था। यह किला एक हिन्दू धार्मिक स्थान है और इसके परिसर में एक मंदिर बना हुआ है जोकि मां काली को समर्पित है। यह मंदिर ‘बावी काली माता मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि लगभग 300 साल पहले मां काली एक पंडित जगत राम शर्मा के सपने में आयी और पहाड़ी की चोटी पर दफन एक पिंडी के रूप में उसकी उपस्थिति के बारे में बात की। खोजने पर एक काला पत्थर मिला था जोकि देवी का प्रतीक माना जाता है, बाद में एक मंदिर उस स्थान पर बनाया गया था।
यह भी माना जाता है कि यह मंदिर 8वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था। मंदिर में देवी की प्रतिमा को एक 1.2 मीटर ऊंचे मंच पर सफेद संगमरमर से बनाया गया, पर स्थिपित है। मंदिर पुनः निर्माण किया है आज यह मंदिर देखने में आधुनिक लगता है। पहले इस मंदिर में जानवरो की बलि की प्रथा थी परन्तु अब यह प्रथा बन्द कर दी गई है।
काली माता मंदिर में साल में दो बार नवरात्रि त्योहार (मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर) में ‘बहू मेला’ का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। काली मंदिर में हफ्ते में दो बार मंगलवार और रविवार को विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
काली माता मंदिर में रीसस बंदरों का एक बहुत बड़ा समूह रहता है। माना जाता है कि यह समूह जम्मू शहर के सबसे बड़ा समूह होगा। इन बंदरो से यह आये यात्रियों को काफी परेशानी होती है।