अन्नपूर्णा जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है, जिन्हें अन्न, समृद्धि, और पालन-पोषण की देवी माना जाता है। देवी अन्नपूर्णा, भगवान शिव की अर्धांगिनी पार्वती का एक स्वरूप हैं, जो मानव जाति को अन्न प्रदान कर जीवन का पोषण करती हैं।
अन्नपूर्णा जयंती का मुख्य उद्देश्य अन्न के महत्व को समझना, उसका सम्मान करना और इसे सबके साथ बांटना है। इस पर्व पर भक्तगण देवी अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं और घर-परिवार में अन्न, धन और समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही, यह दिन हमें जरूरतमंदों की सहायता करने और अन्न का दान करने की प्रेरणा देता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि संसार में अन्न का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि जीवन ध्यान, साधना, और तपस्या के बल पर भी चल सकता है। भगवान शिव की इस बात से माता पार्वती नाराज हो गईं और उन्होंने सृष्टि से अन्न को गायब कर दिया।
अन्न की अनुपस्थिति से चारों ओर भूख और अकाल का प्रकोप फैल गया। संसार के जीव-जन्तु, मनुष्य, और देवता सभी अन्न के बिना संकट में पड़ गए। तब भगवान शिव ने अपनी गलती स्वीकार की और माता पार्वती से अन्न का महत्व समझाने की प्रार्थना की।
इसके बाद माता पार्वती ने अन्नपूर्णा का रूप धारण कर अन्न का पुनः वितरण किया और संसार को जीवन प्रदान किया। तभी से माता अन्नपूर्णा को अन्न और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है।
स्नान और शुद्धता का पालन करें
पूजा सामग्री की व्यवस्था करें
मंत्र जाप और आरती करें
अन्न और वस्त्र का दान करें
व्रत और कथा का श्रवण करें
अन्न की पूजा और सम्मान
दान और सेवा का संदेश
आर्थिक समृद्धि और शांति
कर्म और धर्म का संतुलन
आज के समय में, जहां भोजन और अन्न का अपमान आम बात हो गई है, अन्नपूर्णा जयंती का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन हमें अन्न के महत्व को समझना चाहिए और इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही, हमें जरूरतमंदों की सहायता करने और उनके लिए भोजन का प्रबंध करने का प्रयास करना चाहिए।
अन्नपूर्णा जयंती न केवल देवी अन्नपूर्णा की पूजा और आराधना का पर्व है, बल्कि यह हमें अन्न, दान, और सेवा का महत्व समझाने वाला पावन अवसर है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि भोजन का सम्मान करें, दूसरों के साथ इसे बांटें, और हमेशा प्रकृति और ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहें।
"माता अन्नपूर्णा की कृपा से आपके जीवन में सदा अन्न, धन, और समृद्धि बनी रहे।"
"ॐ अन्नपूर्णायै नमः।"