श्री सिद्धि गणेश मंदिर गुरुग्राम

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location: Plot No 4502, Near Bihari Market, DLF Phase IV, Sector 28, Gurugram, Haryana 122002.
  • Timings Open and Close: Summer : 1st March to 30th September - 06:30 am to 11:00 am and 05:00 pm to 08:30 pm.
  • Winter : 1st October to 28th February : 07:00 am to 11:30 am and 04:30 pm to 08:00 pm
  • Saturday, Sunday and Holidy : 07:00 am to 12:30 pm and 04:30 pm to 08:30 pm.
  • Nearest Metro Station: MG Road Metro Station at a distance of nearly 2.5 kilometres from Shri Siddhi Ganesh Temple.
  • Nearest Railway Station: Ghaziabad Railway Station at a distance of nearly 9.8 kilometres from Shri Siddhi Ganesh Temple.
  • Nearest Airport: Indira Gandhi International Airport at a distance of nearly 14.4 kilometres from Shri Siddhi Ganesh Temple.
  • Did you know: This is the first such Ganesh temple in Gurugram which is built in the South Indian style of art.

श्री सिद्धि गणेश मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य हरियाणा, के गुरुग्राम में स्थित है। यह मंदिर पूर्णतयः भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित है जैसे भगवान शिव, कार्तिकेय, देवी कामक्षी देवी आदि। श्री सिद्धि गणेश मंदिर पूरी तरह से साउथ शैली पर बनाया गया है। मंदिर में सभी देवी देवातओं की मूर्ति की रचना भी भारत के साऊथ कला शैली में ही बनाया गया है।

यह मंदिर लगभग 1000 वर्ग गज जमीन पर बना हुआ है। हरियाणा सरकार ने यह जमीन श्री कांची शंकराचार्य श्री मतातम सम्स्थानम को मंदिर बनाने के लिए आवंटन किया था। इस मंदिर का कार्यभार श्री सिद्धि गणेश सांस्कृतिक सोसायटी के द्वारा किया जाता है, इसका पंजीकरण 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के अन्तगर्त किया गया है।

इस मंदिर के निर्माण में सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की गई थी, वर्ष 2012 के बाद सभी देवी देवताओं की मूर्ति की स्थापना हुई थी। इस मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित रामकृष्ण सस्त्रिगल है।

इस मंदिर सभी धार्मिक कार्यक्रम प्रयोजन किया जाता है। इस मंदिर में श्री कांची शंकराचार्य श्री मतातम सम्स्थानम के परामर्श के बाद श्री सिद्धि गणेश सांस्कृतिक सोसायटी के द्वारा निम्नलिखित गतिविधियाँ मंदिर परिसर में कि जाती है:-

  • संस्कृत, वेद और आध्यात्मिक क्षेत्रों में अध्ययन के लिए विद्यालय की स्थापना।
  • नियमित प्रशिक्षण और प्रदर्शन के माध्यम से शास्त्रीय कला, संगीत, नृत्य और पेंटिंग की लोकप्रियता।
  • विभिन्न नेताओं, बुद्धिजीवियों और कलाकारों द्वारा शांति, भाईचारे, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रवचनों की व्यवस्था करना।
  • सामूहिक प्रार्थना, वेदों और अन्य शास्त्रों (जैसे विष्णु सहस्रनाम, आदित्य हृदयम, हनुमान चालीसा, भागवतम्, ललिता सहस्रनाम) के अलावा मासिक प्रार्थना और भजन ब्रह्मांड के कल्याण के लिए।
  • निःशुल्क वैवाहिक सेवाओं, कुंडली मिलान सेवाओं, विवाह और अन्य कार्यों के आयोजन का प्रावधान।
  • अन्नदान, विराधनाथन आदि करके किसी भी भेदभाव के बिना जरूरतमंद और गरीबों को राहत प्रदान करना।



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