प्राचीन शिव मंदिर एक हिन्दूओ का मंदिर है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर शिव कुंड के नाम से भी जाना जाता है। शिव कुंड सोहना शहर गुरूग्राम के बाहर की स्कर्ट पर स्थित है। इस मंदिर के विख्यात होने का प्रमुख कारण इस मंदिर में प्राकृतिक रूप से गर्म पानी निकलता है जो कि एक कुंड मे एकत्र होता है। यह पानी गर्म पानी में प्राकृतिक रूप से गंधक मिली होती है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के कुंड में स्नान करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते है। कई चिकित्सक द्वारा भी सलाह जाती है, जिनको त्वचा रोग होता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 500 साल पुराना है। इस मंदिर का कई बार पुनः निर्माण किया गया था।
इस प्राचीन शिव मंदिर में स्थित कुंड की वजह से शिव कुंड के नाम से जाता है। यह गर्म पानी धरती में 55 फीट गहराई से निकलता है जो कुंड में एकत्र होता है। इस प्राकृतिक कुंड का ऊपर से कवर किया गया है। इस मुख्य कुंड को सखाम बाबा कहा जाता है। इस मुख्य कुंड को ग्वालियर के महाराजा द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर मुख्य कुंड के पानी को छोटे छोटे अलग अलग कुंडों डाला जाता है। यह महिलाओं और पुरूषों के स्नान करने के लिए अलग अलग कुंड है। कुंड में स्नान करने के लिए दो प्रकार की व्यवस्था है एक जिसमें कोई रुपये नहीं लिय जाता। दूसरा स्नान करने के लिए आप बुकिंग भी करा सकते है।
इस मंदिर में भगवान शिव लिंग की सुबह के समय एक बच्चे की तरह लगता है। दोपहर में यह एक जवान आदमी की तरह लगता है और शाम को यह बूढा आदमी ‘‘ध्यान मुद्रा’’ में बैठा हो ऐसा लगता है। लोगों की धारणा के अनुसार यदि आप भगवान शिव को यहां प्रार्थना करते हैं तो सभी शुभकामनाएं पूरी होती हैं।
इस स्थान के विख्यात होने का कारण यह भी है कि इस स्थान के बारे में ‘ऐन-ए-अकबारी’ किताब में भी वर्णन किया गया था। यह किताब प्रसिद्ध मुगल सम्राट अकबर के समय में लिखी गई थी। इस किताब में इस जगह के धार्मिक महत्व होने का उल्लेख मिला है।
शिव मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर शिवरात्रि के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है। सोमवी अमावस्या, फगुन और सावन के महीनों के दौरान बड़ी संख्या में मंदिर के कुंड में स्नान करने के लिए आते है।