जगन्नाथ मंदिर कानपुर के प्रमुख मंदिरो में से एक है। यह मंदिर विकासखण्ड से 3 किलोमीटर दूर गांव बेहटा, कानपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित है। जगन्नाथ मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और सुभद्रा की काले पत्थर की प्रतिमा विराजमान है तथा मंदिर प्रांगण में सूर्य और पदमनाभम की भी मूर्तियां है। इस मंदिर प्रसिद्ध होने के एक प्रमुख कारण है कि यह मंदिर बारिश होने की भविष्यवाणी 7 दिन पहले ही कर देता है।
ऐसा कहा जाता है कि चिलचिलाती गर्मी में बरसात से 7 दिन पहले मंदिर की छत से पानी बूंदे टपकने लगती हैं। जिससे किसानों को बारिश का अनुमान लग जाता है और वे अपना कृषि संबंधित कार्य समय से पूरा कर लेते हैं। सबसे अनोखी बात यह है कि मंदिर से टपकी बूंदे भी उसी तरह की होती हैं जिस तरह की बारिश होनी होती है। बारिश होने के साथ छत का अंदरूनी भाग पूरी तरह सूख जाता है।
पुरातत्व विभाग ने मंदिर के इतिहास को जानने के लिए कई बार सर्वेक्षण किए है मगर जीर्ण हालत के मंदिर की आयु के बारे में जानकारी नही मिल सकी है। पुरातत्व वैज्ञानिको के अनुसार मंदिर का अंतिम बार जीर्णोद्वार 11वीं सदी के आसपास किया गया था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के बाहर मोर का निशान और चक्र बने होने से चक्रवती सम्राट हर्षवर्धन के काल में मंदिर के निर्माण किया गया था। मंदिर का आकार बौद्ध मठ जैसा है तथा मंदिर की दीवारें करीब 14 फिट मोटी हैं।
जगन्नाथ पुरी की तरह यहां भी स्थानीयें लोगों द्वारा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है।