वृंदावन चंद्रोदय मंदिर

महत्वपूर्ण जानकारी

  • स्थान: अक्षय पात्र मंदिर, वृंदावन, उत्तर प्रदेश 281121 के पास शुभम आर.डी.
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: वृंदावन चंद्रोदय मंदिर से लगभग 13.8 किलोमीटर की दूरी पर मथुरा जंक्शन।
  • निकटतम हवाई अड्डा: वृंदावन चंद्रोदय मंदिर से लगभग 73.9 किलोमीटर की दूरी पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डा आगरा।
  • निर्माता: इस्कॉन (कृष्णा चेतना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी)।
  • फाउंडेशन: होली के शुभ अवसर पर 16 मार्च 2014 को चंद्रोदय मंदिर का शिलान्यास किया गया।
  • पूर्णता तिथि: 2024
  • स्थापत्य शैली: आधुनिक वास्तुकला
  • देवता: कृष्ण और राधा
  • क्या आप जानते हैं: वृंदावन चंद्रोदय मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर है जो लगभग 700 फीट का है।

वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में स्थित है। यह मंदिर अभी निर्माणाधीन हैं। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर की योजना इस्काॅन बैंगलोर द्वारा बनाई गई है तथा संकल्पतः कुल 300 करोड़ की लागत से निर्मित किया जा रहा है। इस कारण मांदिर का ना विश्व के सबसे महंगें मंदिरों में शामिल होने की संभावना है। इस मंदिर के मुख्य आराध्य देव भगवान कृष्ण होंगे।

ऐसा माना जा रहा है कि यह मंदिर विश्व के सबसे ऊचें मंदिरों में से एक होगा। इस मंदिर की विशेषता यह है कि वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर की कुल ऊंचाई करीब 700 फुट यानी 213 मीटर, जो किसी 70-मंजिला इमारत जितना ऊंचा होगी जिस के कारण पूर्ण होने पर, यह विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बन जाएगा। ऐसा का जा सकता है कि यह दुनिया का सबसे लंबा धार्मिक स्मारक होगा।

इसके गगनचुम्बी शिखर के अलावा इस मंदिर की दूसरी विशेषता यह है कि मंदिर परिसर में 26 एकड़ के भूभाग पर चारों ओर 12 कृत्रिम वन बनाए जाएंगे, जो मनमोहक और आकर्षण से भरा होगा। मंदिर परिसर  छोटी कृत्रिम पहाड़ियों और झरनों से भरे होेगा, जिन्हें विशेश रूप से पूरी तरह हूबहू श्रीमद्भागवत एवं अन्य शास्त्रों में दिये गए, कृष्णकाल के ब्रजमंडल के 12 वनों के विवरण के अनुसार ही बनाया जाएगा ताकि आगंतुकों (श्रद्धालुओं) को कृष्णकाल के ब्रज का आभास कराया जा सके। 5 एकड़ के पदछाप वाला यह मंदिर कुल 62 एकड़ की भूमि पर बन रहा है, जिसमें 12 एकड़ पर कार-पार्किंग सुविधा होगी, और एक हेलीपैड भी होगा।

कैसे मिली प्रेरणा मंदिर बनाने की

इस्कॅान के संस्थापक और आचार्य श्री प्रभुपाद जी अपने पश्चिमी शिष्यों के साथ वृन्दावन की यात्रा के दौरान कहा था कि जैसे हमें गगनचुंबी इमारत बनाने की प्रवृत्ति मिली है। जैसा कि आपके देश में, आप करते हैं। इसलिए आपको गगनचुंबी इमारत से नहीं जुड़ना चाहिए, लेकिन आप कृष्ण के लिए गगनचुंबी मंदिर जैसे बड़े मंदिर का निर्माण करके प्रवृत्ति का उपयोग कर सकते हैं। इस तरह, आपको अपनी भौतिक गतिविधियों को शुद्ध करना होगा।
    - श्रील प्रभुपाद का वृंदावन में व्याख्यान, 29 अक्टूबर 1972

श्रील प्रभुपाद की इस दृष्टि और कथन से प्रेरित होकर, इस्कॉन बैंगलोर के भक्तों या ऋषियों ने भगवान श्रीकृष्ण के लिए एक गगनचुंबी मंदिर का निर्माण करने के लिए वृंदावन चंद्रोदय मंदिर परियोजना की कल्पना की।

मथुरा जिले में चंद्रोदय मंदिर का शिलान्यास समारोह 16 मार्च 2014 को होली के शुभ अवसर पर किया गया था।



मंत्र









2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं