सूर्य देव हिन्दु धर्म में पूजे जाने वाले एक महत्वपूर्ण देवता है। सूर्य देव को भास्कर भी कहा जाता है। प्राचीन भारतीय साहित्य में सूर्य के अन्य नामों में आदित्य, अर्क, भानु, सवित्र, पूषन, रवि, मार्तंड, मित्र, भास्कर, प्रभाकर, कथिरावन और विवस्वान शामिल हैं।
हिन्दू धर्म के अनुसार सूर्योदय संसार के अंधकार को दूर करता है। इसी प्रकार व्यक्ति जीवन में सूर्य देव अज्ञान के अंधकार को दूर करते है और ज्ञान प्रदान करते है। इसलिए सूर्य को समस्त ज्ञान का स्वरूप कहा जाता है। संसार सूर्य की रोशनी से सैदव रोशन रहता है, इसलिए संसार की कोई भी घटना सूर्य देव से छिप नहीं सकती है। सूर्य को ‘सर्वति साक्षी भूतम्’ कहा जाता है।
हिन्दू धर्म के सबसे पुराने वेद, ऋग्वेद में सूर्य का उल्लेख ‘उगते सूरज’ के प्रति विशेष श्रद्धा के साथ किया गया हैं और अंधेरे को दूर करने वाले, ज्ञान, अच्छे और सभी जीवन को सशक्त बनाने वाले के रूप में सूर्य का एक प्रतीकवाद के रूप में उल्लेख किया गया हैं।
प्रत्येक सुबह भगवान सूर्य देव मंत्रो को जाप करना चाहिए। इस लेख में हमनें कुछ सूर्य मंत्रों का उल्लेख किया है।
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे
आयु ररोग्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते ||
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः||
ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात||
ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥
ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात्
ॐ नमो भगवते श्री-सूर्याय ह्रीं सहस्त्र-किरणाय ऐं
अतुल-बल-पराक्रमाय नव-ग्रह-दश-दिक्-पाल-लक्ष्मी-देव-वाय,
धर्म-कर्म-सहितायै ‘अमुक’ नाथय नाथय,
मोहय मोहय, आकर्षय आकर्षय,
दासानुदासं कुरु-कुरु, वश कुरु-कुरु स्वाहा ||
आधित्य ह्रुधाय पुण्यं सर्व सथृ विनासनं
जयावहं जबे नित्यं अक्षयं परमं शिवं ||