2025 में पंचमी तिथि सूची

महत्वपूर्ण जानकारी

  • शुक्ल पक्ष पंचमी
  • गुरुवार, 04 जनवरी 2025
  • पंचमी तिथि आरंभ: 03 जनवरी 2025 रात्रि 11:40 बजे
  • पंचमी तिथि समाप्त: 04 जनवरी 2025 रात्रि 10:01 बजे

हिंदू कैलेंडर के अनुसार पांचवा दिन को पंचमी कहा जाता है। पंचमी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है। पंचमी, महीने में दो बार आती है। हिंदू धर्म में पंचमी का अपना विशेष महत्व है। पंचमी तिथि में पड़ने वाला प्रसिद्ध त्योहार नाग पंचमी, बसंत पंचमी, विवाह पंचमी और ऋषि पंचमी है। पंचमी के देवता नागराज है। इस तिथि में नागदेवता की पूजा करने से महिलाओं को पुत्र की प्राप्ति होती है। यह तिथि लक्ष्मीप्रदा तिथि हैं।

पंचमी तिथि का महत्व

पंचमी तिथि का महत्व हर पक्ष (शुक्ल और कृष्ण) में अलग-अलग होता है।

  1. शुक्ल पक्ष पंचमी: इस दिन देवी लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। ऋषि पंचमी और नाग पंचमी जैसे पर्व इसी तिथि को मनाए जाते हैं।
  2. कृष्ण पक्ष पंचमी: इस तिथि पर विशेष व्रत और पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त भगवान विष्णु और नाग देवता की आराधना करते हैं।

पंचमी तिथि से जुड़े त्योहार

  1. बासंतिक पंचमी (सरस्वती पूजा): वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक यह पर्व शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा होती है।
  2. नाग पंचमी: नाग देवता की पूजा का यह पर्व कृष्ण पक्ष की पंचमी को होता है। इसमें लोग नागों को दूध चढ़ाकर उनसे अपनी रक्षा की प्रार्थना करते हैं।
  3. लक्ष्मी पंचमी: धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा शुक्ल पक्ष की पंचमी को की जाती है।
  4. ऋषि पंचमी: इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा कर जीवन में शुद्धता और आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना की जाती है।

पंचमी तिथि के व्रत और पूजा विधि

  • इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी या सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • विधिपूर्वक पूजा करें और मंत्रों का जाप करें।
  • व्रत रखने वाले दिन भर फलाहार करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • शाम को आरती करके व्रत का पारण करें।

पंचमी तिथि से जुड़े धार्मिक ग्रंथ

धार्मिक ग्रंथों में पंचमी तिथि का उल्लेख कई बार हुआ है। यह तिथि शुभ और फलदायी मानी जाती है। विशेष रूप से स्कंद पुराण और गरुड़ पुराण में पंचमी से संबंधित पर्वों और पूजा विधियों का वर्णन किया गया है।

मासिक पंचमी तिथि 2025

पंचमी तिथि केवल तिथि ही नहीं है, यह हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन का महत्व हर हिंदू के लिए खास है और इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। जो भी व्यक्ति इस तिथि पर पूजा और व्रत करता है, उसे देवी-देवताओं की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जनवरी में पंचमी तिथि

शुक्ल पक्ष पंचमी
गुरुवार, 04 जनवरी 2025
03 जनवरी 2025 रात्रि 11:40 बजे - 04 जनवरी 2025 रात्रि 10:01 बजे

कृष्ण पक्ष पंचमी
शनिवार, 18 जनवरी 2025
18 जनवरी 2025 प्रातः 05:30 बजे - 19 जनवरी 2025 प्रातः 07:31 बजे

फरवरी में पंचमी तिथि

शुक्ल पक्ष पंचमी (बसंत पंचमी)
सोमवार, 03 फरवरी 2025
02 फरवरी 2025 सुबह 9:14 बजे - 03 फरवरी 2025 सुबह 6:53 बजे

कृष्ण पक्ष पंचमी
सोमवार, 17 फरवरी 2025
17 फरवरी 2025 प्रातः 2:16 बजे - 18 फरवरी 2025 बजे 4:53 पूर्वाह्न

मार्च में पंचमी तिथि

शुक्ल पक्ष पंचमी
मंगलवार, 04 मार्च 2025
03 मार्च 2025 शाम 6:02 बजे - 04 मार्च 2025 दोपहर 3:17 बजे

कृष्ण पक्ष पंचमी (रंग पंचमी)
बुधवार, 19 मार्च 2025
18 मार्च 2025 रात्रि 10:09 बजे - 20 मार्च 2025 रात्रि 12:37 बजे

अप्रैल में पंचमी तिथि

शुक्ल पक्ष पंचमी (लक्ष्मी पंचमी)
बुधवार, 02 अप्रैल 2025
02 अप्रैल 2025 प्रातः 2:32 बजे - 02 अप्रैल 2025 प्रातः 11:50 बजे

कृष्ण पक्ष पंचमी
शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025
17 अप्रैल 2025 बजे 3:23 अपराह्न - 18 अप्रैल 2025 अपराह्न 5:07 बजे

मई में पंचमी तिथि

शुक्ल पक्ष पंचमी
शुक्रवार, 02 मई 2025
01 मई 2025 प्रातः 11:24 बजे - 02 मई 2025 प्रातः 09:15 बजे

कृष्ण पक्ष पंचमी
शनिवार, 17 मई 2025
तिथि का समय: 17 मई 2025 प्रातः 05:14 बजे - 18 मई 2025 प्रातः 05:58 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी
शनिवार, 31 मई 2025
30 मई 2025 रात्रि 90:23 बजे - 31 मई 2025 रात्रि 08:15 बजे

जून में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी
सोमवार, 16 जून 2025
15 जून 2025 अपराह्न 03:51 बजे - 16 जून 2025 अपराह्न 03:32 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी (स्कंद पंचमी)
सोमवार, 30 जून 2025
29 जून 2025 प्रातः 9:15 बजे - 30 जून 2025 प्रातः 9:24 बजे

जुलाई में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी
मंगलवार, 15 जुलाई 2025
15 जुलाई 2025 प्रातः 00:01 बजे - 15 जुलाई 2025 प्रातः 10:39 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी (नाग पंचमी, गरुड़ पंचमी)
मंगलवार, 29 जुलाई 2025
28 जुलाई 2025 रात्रि 11:24 बजे - 30 जुलाई 2025 प्रातः 00:47 बजे

अगस्त में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी (रक्षा पंचमी)
बुधवार, 13 अगस्त 2025
13 अगस्त 2025 प्रातः 06:36 बजे - 14 अगस्त 2025 प्रातः 04:24 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी (ऋषि पंचमी)
गुरुवार, 28 अगस्त 2025
27 अगस्त 2025 अपराह्न 3:44 बजे - 28 अगस्त 2025 अपराह्न 5:57 बजे

सितंबर में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी
शुक्रवार, 12 सितम्बर 2025
11 सितंबर 2025 दोपहर 12:46 बजे - 12 सितंबर 2025 सुबह 9:59 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी (ललिता पंचमी)
शनिवार, 27 सितंबर 2025
26 सितम्बर 2025 प्रातः 09:33 बजे - 27 सितम्बर 2025 प्रातः दोपहर 12:04 बजे

अक्टूबर में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी
शनिवार, 11 अक्टूबर 2025
10 अक्टूबर 2025 शाम 07:39 बजे - 11 अक्टूबर 2025 शाम 04:44 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी (लाभ पंचमी)
रविवार, 26 अक्टूबर 2025
26 अक्टूबर 2025 प्रातः 03:48 बजे - 27 अक्टूबर 2025 प्रातः 06:05 बजे

नवंबर में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी
रविवार, 09 नवंबर 2025
09 नवंबर 2025 प्रातः 04:26 बजे - 10 नवंबर 2025 प्रातः 01:55 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी (विवाह पंचमी)
मंगलवार, 25 नवंबर 2025
24 नवंबर 2025 बजे 09:22 अपराह्न - 25 नवंबर 2025 रात्रि 10:57 बजे

दिसंबर में पंचमी तिथि

कृष्ण पक्ष पंचमी
मंगलवार, 09 दिसम्बर 2025
08 दिसंबर 2025 अपराह्न 04:03 बजे - 09 दिसंबर 2025 अपराह्न 02:29 बजे

शुक्ल पक्ष पंचमी
गुरुवार, 25 दिसंबर 2025
24 दिसंबर 2025 दोपहर 01:11 बजे - 25 दिसंबर 2025 दोपहर 01:43 बजे









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