हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म में कैलेण्डर व हिन्दू पंचाग के तिथि में चन्द्रमा के अनुसार ही बदलती है। पूर्णिमा क्या होता है? यह वह रात होती है जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है। पूर्णिमा की रात हर 30 दिन बाद आती है यह ऐसा कहा जा सकता है कि पूर्णिमा एक महीने में एक बार आती है। चन्द्रमा के घटते और बढते हुए को पक्ष कहा जाता है दो प्रकार के होते है शुक्ल पक्ष और कृष्णपक्ष।
2021 में पूर्णिमा के तिथि इस प्रकार है।
तिथि | प्रारंभ और समाप्ति समय |
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पौष पूर्णिमा 28 जनवरी, गुरुवार | 28 जनवरी, 1:17 बजे - 29 जनवरी, 12:46 बजे |
माघ पूर्णिमा 26 फरवरी शुक्रवार | 26 फरवरी, दोपहर 3:50 बजे - 27 फरवरी, 1:47 बजे |
हुतसानी पूर्णिमा 28 मार्च रविवार | 28 मार्च, 3:27 बजे - मार्च 29, 12:18 बजे |
पूर्णिमा 26 अप्रैल सोमवार | 26 अप्रैल, दोपहर 12:44 बजे - 27अप्रैल, सुबह 9:01 बजे |
बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा 25 मई मंगलवार | 25 मई, रात 8:30 बजे - 26 मई, 4:43 बजे |
देव स्नान पूर्णिमा, ज्येष्ठ पूर्णिमा 24 जून गुरुवार | 24 जून, 3:32 बजे - 25 जून, 12:09 बजे |
गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई शनिवार | 23 जुलाई, 10:43 पूर्वाह्न - 24 जुलाई, सुबह 8:06 बजे |
नरली पूर्णिमा, जंध्यला पूर्णिमा, श्रावण पूर्णिमा 21 अगस्त, शनिवार | 21 अगस्त, शाम 7:00 बजे - 22 अगस्त, शाम 5:31 बजे |
भाद्रपद पूर्णिमा 20 सितंबर सोमवार | 20 सितंबर, 5:28 बजे - 21 सितंबर, 5:24 बजे |
शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर मंगलवार | 19 अक्टूबर, 7:03 बजे - 20 अक्टूबर, रात 8:26 बजे |
कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर शुक्रवार | 18 नवंबर, 12:00 अपराह्न - 19 नवंबर, 2:27 बजे |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर, शनिवार | दिसंबर 18, 7:24 पूर्वाह्न - दिसंबर 19, 10:05 पूर्वाह्न |