देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ।
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी
मेरे सर पर रख गिरधारी,
अपने दोनों ये हाथ॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ।
अब तो कृपा कर दीजिए,
जनम जनम का साथ
देने वाले श्याम प्रभु से,
धन और दौलत क्या मांगे।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर,
नाम और इज्ज़त क्या मांगे।
मेरे जीवन में अब कर दे,
तू कृपा की बरसात॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी,
अपने दोनों ये हाथ॥
श्याम तेरे चरणों की धूलि,
धन दौलत से महंगी है।
एक नज़र कृपा की बाबा,
नाम इज्ज़त से महंगी है।
मेरे दिल की तमन्ना यही है,
करूँ सेवा तेरी दिन रात॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख गिरधारी,
अपने दोनों ये हाथ॥
झुलस रहें है गम की धुप में,
प्यार की छाया कर दे तू।
बिन मांझी के नाव चले ना,
अब पतवार पकड़ ले तू।
मेरा रस्ता रौशन कर दे,
छाई अंधियारी रात॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी,
अपने दोनों ये हाथ॥
सुना है हमने शरणागत को,
अपने गले लगाते हो।
ऐसा हमने क्या माँगा,
जो देने से घबराते हो।
चाहे जैसे रख बनवारी,
बस होती रहे मुलाक़ात॥
देना हो तो दीजिए
जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख गिरधारी,
अपने दोनों ये हाथ॥