2025 में चतुर्दशी तिथि सूची

महत्वपूर्ण जानकारी

  • शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
  • रविवार, 12 जनवरी 2025
  • चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 12 जनवरी 2025 प्रातः 06:34 बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 28 जनवरी 2025 को शाम 07:36 बजे

चतुर्दशी तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चौदहवीं तिथि को आती है। इस तिथि का विशेष महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से है। इसे भगवान शिव और देवी काली की पूजा के लिए पवित्र माना गया है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को विशेष रूप से "नरक चतुर्दशी" और "शिव चतुर्दशी" के रूप में मनाया जाता है, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर भी शिव पूजा का विधान है।

चतुर्दशी तिथि का धार्मिक महत्व

चतुर्दशी तिथि का संबंध भगवान शिव और उनके भक्तों से है। यह दिन आत्मशुद्धि, ध्यान, और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिससे इस तिथि को "त्रिपुरारी चतुर्दशी" भी कहा जाता है। इसके अलावा, नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर पृथ्वी को उसके आतंक से मुक्त किया था।

चतुर्दशी व्रत की विधि

  1. प्रातःकाल स्नान: इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और पवित्र मन से व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान शिव की पूजा: शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, और पुष्प चढ़ाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।
  3. दीपदान: शाम के समय दीप जलाकर भगवान शिव और यमराज की आराधना करें।
  4. मंत्र जाप: "ॐ नमः शिवाय" और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  5. भजन-कीर्तन: शिव भजनों और चतुर्दशी से जुड़ी कथाओं का श्रवण करें।

प्रमुख चतुर्दशियाँ

  1. त्रयोदशी-चतुर्दशी: शिव चतुर्दशी और प्रदोष व्रत से जुड़ी होती है।
  2. नरक चतुर्दशी: दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इसे "छोटी दीपावली" भी कहा जाता है।
  3. त्रिपुरारी चतुर्दशी: भगवान शिव के त्रिपुरासुर वध की स्मृति में मनाई जाती है।

पौराणिक कथाएँ

  1. त्रिपुरासुर वध: एक कथा के अनुसार, चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस को पराजित कर तीनों लोकों को उसकी दासता से मुक्त किया।
  2. नरकासुर वध: नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया और 16,000 कन्याओं को उसके अत्याचार से मुक्त किया। इस दिन दीप जलाकर नरक से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है।

चतुर्दशी तिथि का संदेश

चतुर्दशी तिथि हमें यह सिखाती है कि सत्य, धर्म, और आत्मशुद्धि के मार्ग पर चलने से बड़े से बड़े संकट का समाधान हो सकता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और आत्मा की पवित्रता का प्रतीक है।

चतुर्दशी के लाभ

  • भगवान शिव की कृपा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
  • मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
  • पापों से मुक्ति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

चतुर्दशी तिथि समय 2025

हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैदहवां दिन को चतुर्दशी कहा जाता है। चतुर्दशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है। चतुर्दशी, महीने में दो बार आती है। हिंदू धर्म में चतुर्दशी का अपना विशेष महत्व है। चतुर्दशी तिथि में पड़ने वाला प्रसिद्ध त्यौहार नरक चतुर्दशी, बहुला चतुर्दशी, अनंत चतुर्दशी, बैकुंड चतुर्दशी और होलिका दहन हैं। नरक चतुर्दशी के दिन भगवान हनुमान की पूजा की मान्यता है। अनंत चतुदर्शी के भगवान गणेश की पूजा की मान्यता है। चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

जनवरी में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
रविवार, 12 जनवरी 2025
12 जनवरी 2025 प्रातः 06:34 बजे - 13 जनवरी 2025 प्रातः 05:03 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
मंगलवार, 28 जनवरी 2025
27 जनवरी 2025 रात्रि 08:35 बजे - 28 जनवरी 2025 रात्रि 07:36 बजे

फरवरी में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
मंगलवार, 11 फरवरी 2025
10 फरवरी 2025 शाम 06:57 बजे - 11 फरवरी 2025 शाम 06:55 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
गुरुवार, 27 फरवरी 2025
26 फरवरी 2025 सुबह 11:08 बजे - 27 फरवरी 2025 सुबह 08:55 बजे

मार्च में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
गुरुवार, 13 मार्च 2025
12 मार्च 2025 प्रातः 09:12 बजे - 13 मार्च 2025 प्रातः 10:36 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
शुक्रवार, 28 मार्च 2025
27 मार्च 2025 रात्रि 11:03 बजे - 28 मार्च 2025 सायं 07:55 बजे

अप्रैल में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025
11 अप्रैल 2025 प्रातः 01:01 बजे - 12 अप्रैल 2025 प्रातः 03:22 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
शनिवार, 26 अप्रैल 2025
26 अप्रैल 2025 प्रातः 08:28 बजे - 27 अप्रैल 2025 प्रातः 04:50 बजे

मई में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
रविवार, 11 मई 2025
10 मई 2025 शाम 05:30 बजे - 11 मई 2025 शाम 08:02 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
सोमवार, 26 मई 2025
25 मई 2025 दोपहर 03:51 बजे - 26 मई 2025 दोपहर 12:12 बजे

जून में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
मंगलवार, 10 जून 2025
09 जून 2025 प्रातः 09:36 बजे - 10 जून 2025 प्रातः 11:36 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
मंगलवार, 24 जून 2025
23 जून 2025 रात्रि 10:10 बजे - 24 जून 2025 सायं 06:59 बजे

जुलाई में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
बुधवार, 09 जुलाई 2025
09 जुलाई 2025 प्रातः 00:38 बजे - 10 जुलाई 2025 प्रातः 01:37 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
बुधवार, 23 जुलाई 2025
23 जुलाई 2025 प्रातः 04:40 बजे - 24 जुलाई 2025 प्रातः 02:29 बजे

अगस्त में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
शुक्रवार, 08 अगस्त 2025
07 अगस्त 2025 दोपहर 02:28 बजे - 08 अगस्त 2025 दोपहर 02:12 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
शुक्रवार, 22 अगस्त 2025
21 अगस्त 2025 दोपहर 12:45 बजे - 22 अगस्त 2025 सुबह 11:56 बजे

सितंबर में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (अनंत चतुर्दशी)
शनिवार, 06 सितम्बर 2025
06 सितंबर 2025 प्रातः 03:13 बजे - 07 सितंबर 2025 प्रातः 01:41 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
शनिवार, 20 सितंबर 2025
19 सितंबर 2025 रात 11:37 बजे - 21 सितंबर 2025 सुबह 00:17 बजे

अक्टूबर में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
सोमवार, 06 अक्टूबर 2025
05 अक्टूबर 2025 दोपहर 03:04 बजे - 06 अक्टूबर 2025 दोपहर 12:24 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी)
सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
19 अक्टूबर 2025 दोपहर 01:52 बजे - 20 अक्टूबर 2025 दोपहर 03:45 बजे

नवंबर में चतुर्दशी तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
मंगलवार, 04 नवंबर 2025
04 नवंबर 2025 प्रातः 02:06 बजे - 04 नवंबर 2025 रात्रि 10:36 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
बुधवार, 19 नवंबर 2025
18 नवंबर 2025 सुबह 07:12 बजे - 19 नवंबर 2025 सुबह 09:44 बजे

चतुर्दशी दिसंबर में तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी
गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025
03 दिसंबर 2025 दोपहर 12:26 बजे - 04 दिसंबर 2025 सुबह 08:38 बजे

कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
गुरुवार, 18 दिसंबर 2025
18 दिसंबर 2025 प्रातः 02:33 बजे - 19 दिसंबर 2025 प्रातः 04:59 बजे

 









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