ऋणमोचन नृसिंह स्तोत्र

देवता कार्यसिध्यर्थं सभास्तम्भसमुद्भवम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

लक्ष्म्यालिङ्गितवामाङ्गं भक्तानामवरदायकम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

आन्त्रमालाधरं शङ्खचक्राब्जायुधधारिणम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

स्मरणात्सर्वपापघ्नं कद्रुजं विषनाशनम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

सिंहनादेन महता दिग्दन्तिभयनाशनम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

प्रह्लादवरदं श्रीशं दैत्येश्वरविदारिणम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

क्रूरग्रहपीड़िताणां भक्तानाम् अभयप्रदम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

वेद्वेदान्त यज्ञेशं ब्रह्मरुद्रादिवंदितम्
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये

य इदं पठते नित्यं ऋणमोचनसंज्ञितम्
अनृणीजायते सद्यो धनं शीघ्रमवाप्नुयात्

|| इति श्रीनृसिंहपुराणे ऋणमोचनस्तोत्रं सम्पूर्णम् ||

ऋणविमोचन नृसिंह स्तोत्र एक पवित्र संस्कृत भजन है जो भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिम्हा को समर्पित है। इस स्तोत्र का पाठ किसी के ऋण या वित्तीय बोझ को दूर करने या चुकाने के लिए भगवान नरसिम्हा का आशीर्वाद प्राप्त करने के इरादे से किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्तोत्र का श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करने से आर्थिक तंगी से राहत मिलती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।



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