मार्कंडेय जयंती हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जो महान संत और चिरंजीवी ऋषि मार्कंडेय की स्मृति में मनाया जाता है। यह जयंती हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस दिन श्रद्धालु ऋषि मार्कंडेय की पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान शिव की उपासना करते हैं।
ऋषि मार्कंडेय अपने ज्ञान, तपस्या और भगवान शिव के प्रति अनन्य भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कथा हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति और तपस्या से मृत्यु को भी पराजित किया जा सकता है।
ऋषि मार्कंडेय (संस्कृत: मार्कण्डेय) हिंदू ग्रंथों में वर्णित एक महान ऋषि थे। वे ऋषि मृकण्ड और उनकी पत्नी मनस्विनी के पुत्र थे।
उनका उल्लेख महाभारत, भागवत पुराण और मार्कंडेय पुराण में मिलता है। ऋषि मार्कंडेय को हिंदू धर्म में अष्ट चिरंजीवी (आठ अमर व्यक्तित्वों) में शामिल किया गया है, जो युगों-युगों तक जीवित रहते हैं।
मार्कंडेय ऋषि की कथा यह दर्शाती है कि सच्ची भक्ति और तपस्या से मृत्यु को भी हराया जा सकता है। इस दिन लोग भगवान शिव और मार्कंडेय ऋषि की पूजा कर जीवन में सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करते हैं।
मार्कंडेय ऋषि भगवान शिव के परम भक्त थे। उन्होंने शिवलिंग की उपासना करके मृत्यु से मुक्ति पाई। इस दिन शिवलिंग का विशेष पूजन, अभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है।
मार्कंडेय जयंती हमें यह सिखाती है कि नियमित साधना, सत्कर्म और भगवान के प्रति समर्पण से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
ऋषि मार्कंडेय की सबसे प्रसिद्ध कथा यमराज से उनकी मुक्ति की है।
इसी कारण भगवान शिव को कालांतक (मृत्यु के नाशक) कहा जाता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इस मंत्र का जप 1008 बार करने से मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमानश्च विभीषणः।
कृपः परशुरामश्च सप्तैतै चिरंजीविनः॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथस्थमम्।
जीवेद्वर्षशतम् सोपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥
इस मंत्र का जाप करने से दीर्घायु और स्वास्थ्य लाभ होता है।
अंत में
मार्कंडेय जयंती केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक दिन है जो हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति, तपस्या और भगवान के प्रति समर्पण से कोई भी संकट टाला जा सकता है।
यह पर्व हमें शिव भक्ति, मृत्यु पर विजय, और धर्म की शक्ति का संदेश देता है।
इस पावन अवसर पर, आइए हम सभी भगवान शिव और ऋषि मार्कंडेय की पूजा करें, उनके उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएं और एक सुखी, स्वस्थ और समृद्ध जीवन की ओर अग्रसर हों।
जय शिव शंकर! जय ऋषि मार्कंडेय! 🚩🙏