रधुनाथ मंदिर

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location : Fatthu Chaugan, Pakki Dhaki, Majhin, Jammu and Kashmir 180001.
  • Timing : Monday - Friday: 6.00 AM - 8.00 PM , Saturday: 6.00 AM - 8.00 PM , Sunday: 6.00 AM - 8.00 PM , Public Holidays: 6.00 AM.
  • Nearest Railway Station : Jammu Tawi, The temple is located at a distance of about approx 3 km from the railway station.
  • Nearest Air Port : Jammu Airport, which is around 8 km away from the temple.
  • Photography: Not allowed any Camera, Mobile inside the temple.

रधुनाथ मंदिर जम्मू शहर, जम्मू-कश्मीर में स्थित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म की आस्था ही नहीं बल्कि जम्मू शहर की पहचान बना हुआ है। यह मंदिर उत्तर भारत का सबसे बड़ा व प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर भगवान राम का समर्पित है। यह मंदिर भारतीय कला का एक प्रमुख उदाहरण है।

रधुनाथ मंदिर का निर्माण 1835-1860 में महाराजा रणवीर सिंह व उनके पिता महाराजा गुलाब सिंह के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर 7 ऐतिहासिक धार्मिक परिसर है। राम मंदिर मंे सोना लगा हुआ है जो कि तेज का स्वरूप है। मंदिर के कई देवी देवाताओं की मूर्ति स्थिपित है तथा इस मंदिर में हिन्दू धर्म के 33 करोड़ देवी देवाताओं की लिंगम भी बने है जो कि मंदिरों में एक इतिहास है और यही विशेषता इस भारत के सभी मंदिरों से अलग करती है।

इस मंदिर को सन् 1835 में राजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरु किया था। लेकिन मंदिर बनकर राजा रणवीर सिंह के काल में पूरा हुआ। मंदिर के भीतर दीवारों पर तीन तरफ सोने की परत चढ़ी हुई है।

रधुनाथ मंदिर बाहर से पांच कलश के रूप में नजर आता हैं जो लम्बाई में फैले हैं। गर्भ गृह में राम सीता लक्ष्मण की मूर्तियाँ हैं। इस मंदिर की विशेषता यह हैं कि इसमे रामायण महाभारत काल के कई चरित्रों की मूर्तियाँ विभिन्न कक्षों में हैं। गर्भ गृह के चारो ओर मंदिर परिसर में विशाल कक्ष बने हैं जिनमे ये मूर्तियाँ हैं।

इसके अलावा एक कक्ष में चारों धाम के दर्शन किए जा सकते हैं। बीच में ऐसी व्यवस्था हैं कि चारों ओर से एक-एक धाम-रामेश्वरम, द्वारकाधीष, बद्रीनाथ, केदारनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं। एक कक्ष में बीच में भगवान सत्यनारायण के दर्शन किए जा सकते। इस कक्ष के बीचोबीच उकेरा गया सूर्य बहुत सुन्दर हैं। चारों ओर दीवारों पर बारहमासा दर्शनीय हैं, हर महीने चैत्र, वैशाख आदि के लिए उस माह के मुख्य देवता की मूर्ति हैं।

ऐसा का कहा जाता है कि महाराज गुलाब सिंह को इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा श्री राम दास वैरागी से मिली थी। कहा जाता है कि रामदास वैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी की थी। जो कि बाद में सत्य निकली। रामदास वैरागी भगवान राम के भक्त थे। वे भगवान राम के आदर्शों का प्रचार करने अयोध्या से जम्मू आए थे। सुई सिम्बली में कुटिया बनाकर रहते थे। रामदास ने जम्मू क्षेत्र में पहले राम मंदिर का निर्माण सुई सिम्बली में करवाया था।
ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर पर नवंबर 2002 में आतंकी हमला भी हो चुका है। जिसके बाद इस मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। हमले के 11 साल बाद साल 2013 में एक बार फिर से मंदिर के द्वार भक्त के लिए खोल दिए गया है।

रधुनाथ मंदिर में सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मानाये जाते है। रामनवमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मानाया जाता है।










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