वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थां दिगम्बराम्।
मार्जनी कलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।
अर्थ - गर्दभ पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाडू तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की मैं वंदना करता हूं।
शीतला माता के इस वंदना मंत्र से स्पष्ट होता है कि वे स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं। हाथ में मार्जनी झाड़ू होने का अर्थ है कि हमें सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए। कलश से हमारा तात्पर्य है कि स्वच्छता रखने से ही स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।