मरघट वाला हनुमान मंदिर दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरांे में से एक है। मरघट वाला हनुमान मंदिर जमना बाजार हनुमान मंदिर के नाम भी जाना जाता है। मरघट हनुमान मंदिर प्रियदर्शनी कालोनी, कश्मीरी गेट, नई दिल्ली में स्थिति है। इस मंदिर के पास पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन भी है। यह मंदिर दिल्ली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर के बारे में पुरी जानकारी नहीं है कि मंदिर किसने बनवाया व कब बनवाया था। लेकिन मंदिर से जुड़ी कई कहानियां है।
ऐसा माना जाता है कि मरघट वाला हनुमान मंदिर उन पांच मंदिरों में से एक जो कि महाभारत काल के है तथा जिन्हें पांडवों ने बनवाया था। इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति जमीन के अन्दर लगभग 7-8 फीट नीचे है। पहले यह मंदिर यमुना नदी के किनारे पर स्थित था। धीरे-धीरे यमुना नदी का पानी कम होता चला गया और यमुना नदी मंदिर से दूर हो गयी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब हनमुान जी लक्ष्मण के लिए संजीवनी लेने जा रहे थे तो हनुमान जी ने इसी स्थान पर रूक कर थोड़ विश्राम किया था। उस वक्त यहां शमशान हुआ करता था और यमुना नदी मंदिर के किनारे से गुजरती थी। इसलिए इसे मंदिर को ‘मरघट मंदिर‘ कहा जाता है।
ऐसा भी माना जाता है कि मरघट वाला हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा स्वयं भू है अर्थात् यहा बाबा स्वयं प्रकट हुए थे। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब भी यमुना नदी में पानी चढ़ता है अपने आप इस मंदिर में भी पानी आ जाता है और बाबा की मूर्ति कंधे तक पानी में डूब जाती है और ज्यों ही यमुना नदी का पानी उतरता है तब मंदिर का पानी भी उतर जाता है। इस मंदिर के पास पीपलेश्वर शनि देव जी का भी मंदिर है जिसका निर्माण सन् 2002 में किया था।
मरघट वाला हनुमान मंदिर में भक्तो बहुत बडी संख्या मंे दर्शनों के लिए आते है विशेष कर मंगलवार और शानिवार के दिन तो बाबा के दर्शनों के लिए आये भक्तों को 1-1 घंटे लाईन में लगाना पड़ाता है। इस मंदिर में हनुमान जयंति का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन झाकियां भी निकाली जाती है। हनुमान जयंति के अवसर पर मंदिर प्रातः काल से रात्रि तक खुला रहता है।