भगवान शिव - रहस्यमयी देवता के अनसुने तथ्य
thedivineindia.com | Updated UTC time: 2024-11-26 10:50:09
भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि नामों से जाना जाता है, सृष्टि के संहारक हैं। उनके व्यक्तित्व, वेशभूषा और रहन-सहन में गहराई और रहस्यमयता छिपी है। कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले शिव को देवों के देव माना गया है। यहां हम उनके जीवन और व्यक्तित्व से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
- आदिनाथ शिव : भगवान शिव को 'आदिदेव' कहा जाता है क्योंकि उन्होंने धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया। 'आदि' का अर्थ है प्रारंभ, और इसीलिए उनका एक नाम 'आदिश' भी है।
- शिव के अस्त्र-शस्त्र : शिव के अस्त्र-शस्त्र में उनके धनुष 'पिनाक', चक्र 'भवरेंदु' और 'सुदर्शन', और त्रिशूल शामिल हैं। उन्होंने स्वयं इनका निर्माण किया था।
- भगवान शिव का नाग : शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है, उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।
- शिव की अर्द्धांगिनी : शिव की पहली पत्नी सती ने अपने अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया। उन्हें उमा और उर्मि के नाम से भी जाना जाता है।
- शिव के पुत्र : भगवान शिव के 6 प्रमुख पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। इन सभी के जन्म की कहानियां अत्यंत रोचक हैं।
- शिव के शिष्य : शिव के 7 प्रमुख शिष्य हैं, जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना जाता है। इन ऋषियों ने शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया। शिव ने ही गुरु-शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी।
- शिव के गण : शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, और जय-विजय शामिल हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन भी शिव के गण माने जाते हैं।
- शिव पंचायत : भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु मिलकर शिव पंचायत कहलाते हैं।
- शिव के द्वारपाल : शिव के द्वारपालों में नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर, और महाकाल शामिल हैं।
- शिव के पार्षद : जय और विजय जैसे विष्णु के पार्षदों की तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, और भृंगी शिव के पार्षद हैं।
- सभी धर्मों के केंद्र शिव : शिव की वेशभूषा ऐसी है कि हर धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। मुशरिक, यजीदी, साबिईन, और इब्राहीमी धर्मों में शिव के होने के स्पष्ट संकेत हैं।
- देवता और असुर दोनों के प्रिय : शिव देवताओं के साथ-साथ असुरों, दानवों और पिशाचों के भी प्रिय हैं। उन्होंने रावण को वरदान दिया और राम को भी आशीर्वाद।
- शिव चिह्न : शिव के चिह्न में रुद्राक्ष, त्रिशूल, डमरू, और शिवलिंग शामिल हैं। शिवलिंग शिव की ज्योति का प्रतीक है, जिसकी पूजा हर धर्म और समाज के लोग कर सकते हैं।
- शिव की गुफाएं : भगवान शिव ने त्रिशूल से कई गुफाओं का निर्माण किया। अमरनाथ गुफा, जहां उन्होंने पार्वती को अमर ज्ञान दिया, सबसे प्रसिद्ध है।
- शिव के पदचिह्न : शिव के पदचिह्न विभिन्न स्थानों पर हैं, जैसे:
- श्रीपद (श्रीलंका)
- रुद्रपद (असम)
- जागेश्वर (उत्तराखंड)
भगवान शिव के ये तथ्य उनकी महानता, उनकी रहस्यमयता और उनकी सरलता को प्रकट करते हैं। वे सिर्फ देवताओं के ही नहीं, बल्कि असुरों, वनवासियों और साधारण लोगों के भी प्रिय हैं। उनके ज्ञान और अनुकंपा का प्रभाव सभी पर समान रूप से पड़ता है।
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