सिद्धेश्वर धाम एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य सिक्कम के नामची शहर से लगभग 5 किलोमीटर के दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को चार धाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर सोलोफोक पहाड़ी पर स्थित है। व्यापक मंदिर परिसर का उद्घाटन नवंबर 2011 में किया गया था।ऐसा माना जाता है कि इस स्थान की यात्रा किसी के पापों को धोने के लिए पर्याप्त है।
सिद्धेश्वर मंदिर में भगवान शिव की 108 फीट ऊँची प्रतिमा स्थिपित है। जिसको कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है। इस मंदिर का चार धाम मंदिर इसलिए कहा जाता है क्योंकि भारत के चार धामों के मंदिरों की प्रतिकृति इस परिसर में बनाई गई है। हिन्दूओं के चार तीर्थ स्थलों, उत्तराखंड के बद्रीनाथ, ओडिशा के पुरी, तमिलनाडु के रामेश्वरम और गुजरात के द्वारका को सामूहिक रूप से चार धाम कहा जाता है। सिद्धेश्वर मंदिर में चार धाम मंदिरों को एक स्थान पर देखाकर सभी भक्तों के मन में भक्ति भाव को आनन्द मिलता है।
सिद्धेश्वर मंदिर एक ओर विशेषता है, भगवान शिव के 12 ज्योतिलिंगों की, इस मंदिर परिसर में प्रतिकृति भी है। इन्ही विशेषता के कारण इतने कम समय में यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों की सूची में शामिल हो गया है। ये 12 ज्योतिलिंग सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घृष्णेश्वर जैसे बारह ज्योतिर्लिंगों या द्वादश ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां भगवान शिव की प्रतिमा को घेरती हैं।
ज्योतिर्लिंग एक पवित्र स्थान है जो भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करती है। ज्योति का अर्थ है चमक और लिंगम का अर्थ है शिव का प्रतीक। मान्यताओं के अनुसार, शिव और ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से लोगों को ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि हर कोई व्यक्ति अपने जीवन में चार धाम और 12 ज्योतिलिंगों के दर्शन हेतु यात्रा नहीं कर सकता है। इसलिए सिद्धेश्वर मंदिर में चारों धामों व 12 ज्योलिंगों के एक ही स्थान पर दर्शन कर सकता है। चार धाम मंदिरों को मूल मंदिरों के जैसे बनाने की पूरी कोशिश कई है। सिद्धेश्वर मंदिर के वातावरण भक्ति पूर्ण है। मंदिर परिसर में सभी मंदिरों के दर्शन में लगभग 2 घंटे का समय लगता है।