

जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।
यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥१॥
नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।
नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥२॥
तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा ।
कीर्तितापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥३॥
नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुम् ।
यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्या मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥४॥
तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरम् ।
या विनिहन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः ॥५॥
नमस्तुलस्यतितरां यस्यै बद्ध्वाञ्जलिं कलौ ।
कलयन्ति सुखं सर्वं स्त्रियो वैश्यास्तथाऽपरे ॥६॥
तुलस्या नापरं किञ्चिद् दैवतं जगतीतले ।
यथा पवित्रितो लोको विष्णुसङ्गेन वैष्णवः ॥७॥
तुलस्याः पल्लवं विष्णोः शिरस्यारोपितं कलौ ।
आरोपयति सर्वाणि श्रेयांसि वरमस्तके ॥८॥
तुलस्यां सकला देवा वसन्ति सततं यतः ।
अतस्तामर्चयेल्लोके सर्वान् देवान् समर्चयन् ॥९॥
नमस्तुलसि सर्वज्ञे पुरुषोत्तमवल्लभे ।
पाहि मां सर्वपापेभ्यः सर्वसम्पत्प्रदायिके ॥१०॥
इति स्तोत्रं पुरा गीतं पुण्डरीकेण धीमता ।
विष्णुमर्चयता नित्यं शोभनैस्तुलसीदलैः ॥११॥
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी ।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमनःप्रिया ॥२॥
लक्ष्मीप्रियसखी देवी द्यौर्भूमिरचला चला ।
षोडशैतानि नामानि तुलस्याः कीर्तयन्नरः ॥१३॥
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत् ।
तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरिप्रिया ॥१४॥
तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।
नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥१५॥
"तुलसी स्तोत्र" तुलसी को समर्पित एक भक्ति भजन या स्तोत्र है, जिसे पवित्र तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। तुलसी को हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसके आध्यात्मिक महत्व और औषधीय गुणों के लिए इसकी पूजा की जाती है। तुलसी स्तोत्र एक प्रार्थना है जो तुलसी की स्तुति करती है और उसका आशीर्वाद मांगती है।
तुलसी स्तोत्र, तुलसी के प्रति समर्पण व्यक्त करता है और हिंदू संस्कृति में उनके महत्व को स्वीकार करता है। भक्त इस स्तोत्र का पाठ अपनी दैनिक प्रार्थनाओं के एक भाग के रूप में या तुलसी से जुड़े अनुष्ठानों के दौरान कर सकते हैं।
तुलसी को अक्सर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी से जोड़ा जाता है, और यह हिंदू धार्मिक समारोहों और त्योहारों में, विशेष रूप से पूजा अनुष्ठानों और प्रसाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे में आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों तरह से शुद्धिकरण और उपचार गुण होते हैं।