योगिनी एकादशी 2024

महत्वपूर्ण जानकारी

  • योगिनी एकादशी 2024
  • मंगलवार, 02 जुलाई 2024
  • एकादशी तिथि प्रारंभ : सोमवार, 01 जुलाई 2024 को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर
  • एकादशी तिथि समाप्त : मंगलवार, 02 जुलाई 2024 को प्रातः 08:42 बजे

हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते है। इस एकादशी के व्रत में भगवान नारायण की मूर्ति को गंगा जल से स्नान करा कर प्रसाद का भोग लगाकर, पुष्प और दीपक से आरती की जाती है।

योगिनी एकादशी व्रत में गरीब ब्राह्मणों को दान देना चाहिए। इस व्रत के करने से पीपल के वृक्ष को काटने से जो पाप लगता है उसका विनाश हो जाता है और स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।

पूजा विधान

यह व्रत नर एवं नारियों दोनों को करना चाहिए। भगवान नारायाण की मूर्ति को गंगा जल से स्नान करना चाहिए। पुष्प, धुप और दीपक से पूजा व आरती करनी चाहिए। पूजा स्वयं या पण्डित द्वारा भी करवा सकते है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि पीपल के पेड़ में नारायाण का वास होता है।

कथा

प्राचीन काल में धन कुबेर के यहाँ एक माली था जिसका नाम हेम था। वह प्रतिदिन भगवान शंकर की पूजा हेतु मानसरोवर से फूल लाता था। एक दिन वह अपनी स्त्री के साथ कामोन्मत होकर विहार कर रहा था। इस प्रकार उसे फूल लाने में देरी हो गई। कुबेर ने क्रोध में हेम को कोढ़ी हो जाने का श्राप दे दिया। कुबेर के श्राप से वह कोढ़ी बन गया। इस रूप में वह घूमता हुआ मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम मे पहुँचा। मार्कण्डेय ऋषि ने उसे योगिनी एकादशी का व्रत रखने का उपदेश दिया। व्रत के प्रभाव से हेम स्वस्थ हो गया तथा दिव्य शरीर धारण कर स्वर्ग को चला गया।



मंत्र



अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


2024 में योगिनी एकादशी कब है?

योगिनी एकादशी 2024 में मंगलवार, 02 जुलाई को है.


योगिनी एकादशी कौन से हिन्दू महीने मे आती है ?

योगिनी एकादशी हिन्दू महीना आषढ़ के कृष्ण पक्ष में आती है.







2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं