श्री द्वाराकाधीश मंदिर जी का यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है। श्री द्वाराकाधीश मंदिर भारत के प्रमुख बडे मंदिरो में से एक है यह मंदिर मथुरा शहर में स्थित जो कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में है तथा श्री द्वाराकाधीश मंदिर यमुना नदी के किनारे विश्राम घाट के नजदीक है जो मथुरा शहर के किनारे बसा प्रमुख घाट है। यह मंदिर उत्तरी भारत में प्रसिद्ध है तथा इसकी वर्तमान संरचना 1814 मे सेठ गोकुल दास पारिख (ग्वालियर रियासत का खजांची था) के द्वारा बनाया गया था। वर्ष 1930 में सेवा पूजन के लिए यह मंदिर पुष्टिमार्ग के आचार्य गिरघरलाल जी कांकरौली वालों को भेट किया था तब से यहां उन्हीं के अनुसार पूजा की जाती है भगवान कृष्ण को अक्सर ‘द्वारकाधीश’ या ‘द्वारका के राजा’ के नाम से पुकारा जाता था और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम पड़ा है। श्री द्वाराकाधीश मंदिर मुख्य आकर्षण इसमें स्थित भगवान श्री कृष्ण जी का प्रतिमा है जो कि काले रंग के संगमरमर के पत्थर से बनी है और सफेद संगमरमर से श्री राधारानी की प्रतिमा बनी है जोकि बहुत सुन्दर है।
श्री द्वाराकाधीश मंदिर में एक बड़ा परिसर है जिसकी दीवारों व स्तभों का राजस्थानी शैली से बनाया गया है। इस मंदिर सभी देवी देवताओं की मूर्तियाँ पर भी स्थापित है। यह मंदिर का परिसर बहुत सुन्दर और मन-मोहक है।
यह मंदिर रोज हजारों की संख्या में आने वाले पर्यटकों का स्वागत करता है तथा इस मंदिर में भगवान के दर्शन हेतु देश व विदेशों से भी तीर्थयात्री आते है। त्यौहार (होली और जन्माष्टमी) के समय में यहाँ भीड़ और भी बढ़ जाती है। हिंडोला का त्योहार श्रावण की बरसात के महीने (जुलाई - अगस्त में होने वाली) में मनाया जाता है। त्योहारों पर मंदिर का आकर्षण दुगना हो जाता है मंदिर को फुलों व लाईटों से सजाया जाता है। यह अपने झूले के त्योहार के लिए भी मशहूर है जो हर श्रावण महीने के अंत में आयोजित होता है और इससे बरसात की शुरुआत का आगाज भी होता है। इस दौरान भगवान श्री द्वारकाधीश जी को विशेष दर्शन हेतु सुन्दर सोन व चांदी के झूले में रखा जाता है।