मनकामेश्वर मंदिर हिन्दूओं का प्रसिद्व धार्मिक स्थान है जो कि भगवान शिव के लिए पूर्णतयः समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यहां शिवलिंग की स्थापना खुद भगवान शिव ने द्वापर युग में की थी। यह मंदिर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, आगरा में स्थित है। इस मंदिर में शिवलिंग को चांदी की परत का आवरण किया गया है। इस मंदिर यदि कोई श्रदालु शिवलिंग के पास जाना चाहता है तो उसको भारतीय वेशभूषा में होना जरूरी है :- जैसे - धोती, साड़ी आदि।
पौराणिक कथा के अनुसार, मथुरा में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनके बाल-रूप के दर्शन की कामना को लेकर भगवान शिव जा रहे थे, तो भगवान शिव ने एक रात यहां बिताई थी और साधना की थी। उन्होंने यह प्रण किया था, कि यदि वह कान्हा को अपनी गोद में खिला पाए, तो भगवान शिव इस स्थान पर शिवलिंग के में विराजमान रहेगें। जब भगवान शिव कान्हा के दर्शन हेतु उनके घर गये, तो यशोदा मैया उनके भस्म-भभूत और जटा-जूटधारी रूप को देख डर गई, तो यशोदा मैया ने सोच कि कान्हा भगवान शिव को देखकर डर जायेगा।
भगवान शिव वहीं एक बरगद के पेड़ के नीचे ध्यान लगा कर बैठ गये। तब भगवान श्री कृष्ण ने लीला शुरू कर दी और रोते-रोते शिव की तरफ इशारा करने लगे। तब यशोदा माई ने शिव को बुला कर, कान्हा को उनकी गोद में दिया और तब जाकर कृष्ण चुप हुए।
तब से भगवान इस मंदिर में शिवलिंग में रूप में विराजमान है। ऐसा माना जाता है जिस तरह भगवान शिव इच्छा की पुरी हुई है, उसी तरह से सच्चे मन से यहां आने वाले मेरे हर भक्त की मनोकामना पूरी होगी।
मंदिर परिसर के भीतर मुख्य गर्भ गृह के पीछे कई सारे छोटे-छोटे मंदिर हैं। यहां देसी घी से प्रज्ज्वलित होने वाली 11 अखंड जोत निरंतर जलती रहती हैं। अपनी मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां आकर एक दीप जलाते हैं, जिसकी कीमत सवा रुपए से लेकर सवा लाख रुपए तक हो सकती है।