यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति करता है जो सदाशिव रूप में हैं और माता पार्वती के साथ हैं। यह मंत्र भगवान शिव और माता पार्वती की शुभता, कल्याणकारी शक्ति और सृष्टि की अनंत ऊर्जा की महिमा का गान करता है।
इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त कर सकता है, जो जीवन में शांति, कल्याण और सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होता है।
इस मंत्र को भगवान शिव की आराधना का संपूर्ण मंत्र माना जाता है। श्री प्रेमानन्द महाराज जी कहते है कि महादेव की आराधना करने के लिए 'सांब सदाशिव' के मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप करने के लिए चन्दन की माला का प्रयोग करना चाहिए।
सांब सदाशिव ॐ शिव ॐ
साम्ब:
'साम्ब' का अर्थ है 'सह अम्बा' अर्थात 'माँ के साथ'।
यहाँ 'अम्बा' का तात्पर्य माँ पार्वती से है। अतः 'साम्ब' का अर्थ है भगवान शिव जो माँ पार्वती के साथ हैं।
सदाशिव:
'सदाशिव' का अर्थ है 'सदा शिव', अर्थात 'हमेशा कल्याणकारी'।
'सदा' का अर्थ है हमेशा या निरंतर और 'शिव' का अर्थ है शुभ या कल्याणकारी।
सदाशिव भगवान शिव का एक रूप है जो निरंतर शुभ और कल्याणकारी है।
ॐ:
'ॐ' को प्रणव मंत्र या ब्रह्मनाद कहा जाता है।
यह सृष्टि के प्रारंभ का ध्वनि रूप है और सभी मंत्रों का मूल है।
यह परमात्मा का प्रतीक है और संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।