माघ गुप्त नवरात्रि 2024

महत्वपूर्ण जानकारी

  • माघ गुप्त नवरात्रि 2024
  • आरंभ तिथि: शनिवार, 10 फरवरी 2024
  • अंतिम तिथि: रविवार, 18 फरवरी 2024
  • कलश स्थापना मुहूर्त- 10 फरवरी 2024 को प्रातः 08:34 बजे से प्रातः 09:59 बजे तक

माघ गुप्त नवरात्रि का हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है यह एक त्योहार जो नौ दिनों का मनाया जाता है। इन नौ दिनों में देवी शक्ति या दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि को ‘शाकंभरी नवरात्रि या गायत्री नवरात्रि के नाम से भी जाता है। गुप्त नवरात्रि हिन्दू महीना माघ की पहली प्रतिपदा से शुक्ल पक्ष की नवमी तक मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर में, यह व्रत जनवरी-फरवरी के महीनों के बीच आता है।

माघ गुप्त नवरात्रि क्या होती है?

माघ गुप्त नवरात्रि का त्योहार प्राचीन वैदिक युग के दौरान, यह गुप्त नवरात्रि केवल कुछ निपुण ‘साधकों’ या संतों के द्वारा ही मनाया जाता था। माघ गुप्त नवरात्रि का तांत्रिकों और साधकों के लिए विशेष महत्व है। गुप्त नवरात्रि में अघोरी, तांत्रिक तंत्र मंत्र सिद्ध करने के लिए गुप्त रूप से अनुष्ठान करते हैं। इसलिए गुप्त नवरात्रि ज्यादातर तांत्रिक पूजा के लिए लोकप्रिय है। गुप्त नवरात्रि के दौरान, तांत्रिक देवी दुर्गा का आह्वान करते हैं, ताकि उन्हें देवी से ज्ञान, धन और सफलता का आर्शीवाद प्राप्त हो सके।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल भर में कुल चार नवरात्रि आते हैं। जिसमें से दो चैत्र व शारदीय और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। माघ मास में पड़ने वाले नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुम्रावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।

माघ गुप्त नवरात्रि अवधि के दौरान, हिंदू भक्त देवी दुर्गा को उनके दिव्य आशीर्वाद का आह्वान करने के लिए समर्पित मंत्रों का जाप करते हैं। ‘दुर्गा सप्तशती’, ‘देवी महात्म्य’ और ‘श्रीमद्-देवी भागवत’ जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।

हिंदू भक्त माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान ‘दुर्गा बत्तीसी’ या देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नामों का भी जाप करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अभ्यास सभी समस्याओं को समाप्त करता है और भक्तों को जीवन में शांति प्राप्त करने में मदद करता है।

माघ गुप्त नवरात्रि कैसे करते हैं?

मान्यतानुसार माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को भोग में लौंग और बताशा चढ़ाना चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

माघ गुप्त नवरात्रि 2024 तिथियाँ

  1. प्रतिपदा - 10 फरवरी 2024 (शनिवार) - घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
  2. द्वितीया - 11 फरवरी 2024 (रविवार) - ब्रह्मचारिणी पूजा
  3. तृतीया- 12 फरवरी 2024 (सोमवार)- चंद्रघंटा पूजा
  4. चतुर्थी - 13 फरवरी 2024 (मंगलवार) - कुष्मांडा पूजा
  5. पंचमी - 14 फरवरी 2024 (बुधवार) - स्कंदमाता पूजा
  6. षष्ठी- 15 फरवरी 2024 (गुरुवार)- कात्यायनी पूजा
  7. सप्तमी – 16 फरवरी 2024 (शुक्रवार) – कालरात्रि पूजा
  8. अष्टमी - 17 फरवरी 2024 (शनिवार) - श्री दुर्गा महाअष्टमी, महागौरी पूजा, संधि पूजा
  9. नवमी - 18 फरवरी, 2024 (रविवार) - सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण

 




अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


2024 में माघ गुप्त नवरात्रि कब है?

माघ गुप्त नवरात्रि शनिवार, 10 फरवरी 2024 को शुरू होगी और रविवार, 18 फरवरी 2024 को समाप्त होगी।


गुप्त नवरात्रि साल में कितने बार आते हैं?

गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है। पहला माघ मास के शुक्ल पक्ष में और दूसरा  आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में।







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