जटोली शिव मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला, जटोली गांव में स्थित है। यह एक शिव मंदिर है। ऐसा माना जाता है यह मंदिर एशिया के सबसे ऊँचा शिव मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना श्री श्री स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज ने की थी। इस मंदिर का नाम ‘जटा’ से लिया गया है जो कि महोदव के लम्बे जटाओं अर्थात् बालों से संबधित है। जटोली की हसीन वादियों में स्थित है यह भव्य शिव मंदिर। मंदिर में एक प्राकृतिक शिव गुफा भी है जिसके दर्शन हेतु भक्त मंदिर में आते है।
स्वामी कृष्णानंद परमहंस 1950 में इस स्थान पर आए थे। स्वामी कृष्णानंद परमहंस एक शिव मंदिर की स्थापना करने चाहते थे, इसलिए जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी। इस मंदिर का कार्य पूरे होने में लगभग 35 वर्ष लग गये थे। परन्तु मंदिर के कार्य पूरे होने से पहले ही स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मलीन हो गए थे।
जटोली शिव मंदिर में भगवान शिव के अलावा, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और हनुमान की मूर्तियां भी स्थापित है। मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण भक्तों द्वारा किए गए दान से ही किया गया है। मंदिर निर्माण पर अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं।
मंदिर की एक विशेषता यह है कि यह मंदिर निर्माण कला का एक बेजोड़ नमूना है जिसकी भव्यता और आकर्षण बेहद आनोखी है।
स्वामी कृष्णानंद के समाधि लेने के बाद मंदिर प्रबंधक कमेटी ने मंदिर का निर्माण जारी रखा गया था। मंदिर में भगवान शिव का 11 फ़ीट लंबा शिव लिंग है। एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो इसे बेहद ही खास बना देता है। इस मंदिर की ऊंचाई करीब 122 फुट तक है। कमेटी का दावा है कि यह उत्तर भारत का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। जटोली स्थित शिव मंदिर में जल्द ही 17 लाख रुपए की लागत का स्फटिक शिवलिंग की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
जटोली शिव मंदिर सोलन के लोकप्रिय पवित्र स्थलों में से एक है जो देश के सभी कोनों से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां और किंवदंतियां हैं, जिनमें से एक में कहा गया है कि भगवान शिव इस स्थान पर गए और एक रात के लिए रुके।