काली मंदिर चितंरजन पार्क (काली बारी) नई दिल्ली, भारत में स्थिति है। यह मंदिर काली माता को समर्पित है। काली मंदिर का यह मंदिर बंगाली समुदाय का एक सांस्कृतिक कार्याक्रमों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहां साल पर सांस्कृतिक और धार्मिक कार्याक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन सब आयोजन का प्रबंध चितंरजन पार्क काली मंदिर सोसायटी द्वारा किया जाता है।
काली मंदिर एक छोटी-सी पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर की स्थापना 1973 में की गई थी तथा यह मंदिर एक शिव मंदिर था। इस मंदिर में 1977 के दौरान पहली बार दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया था। सन् 1984 में इस मंदिर में एक भव्य काली मंदिर का निर्माण किया गया था। जो कि बंगाली टेराकोटा वास्तुकला की छवि को प्रदर्शित करता है। यह आज ‘चितंरजन पार्क काली मंदिर’ के नाम से जाना जाता है।
इस परिसर में माता काली, भगवान शिव और राधाकृष्ण का मंदिर है। इस परिसर को मुख्य मंदिर काली माता का है और बायें और दायें तरफ भगवान शिव और राधाकृष्ण का मंदिर है। इस मंदिर में हिन्दुओं के सभी त्योहार मनाये जाते है, विशेष तौर पर दुर्गा पूजा का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
इस मंदिर में एक बड़ा पुस्तकालय है, जहां पर बंगाली सांस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर बहुत सी पुस्तकें है। यह बंाग्ला सीखने के लिए इच्छुक लोगो के लिए बंगाली भाषा की कक्षाएं चलती है। बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रामों प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।
काली मंदिर में संगीत फव्वारे कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है जो कि इस मंदिर की विशेषता बनी हुई है।