कोटेश्वर महादेव मंदिर हिन्दूओं के धर्म में विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कोटेश्वर महादेव मंदिर भारत के राज्य उत्तराखंड के जिला रुद्रप्रयाग में स्थित है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कोटेश्वर महादेव मंदिर अलकनंदा नदी के पवित्र तट पर भगवान शिव का एक पवित्र स्थान और मंदिर है। कोटेश्वर महादेव मंदिर एक गुफा में स्थित है। यह गुफा प्राकृतिक रूप से बनी हुई है। इस गुफा में छोटे-छोटे से कुड है ऐसा कहा जाता है इन कुंडों में हमेशा पानी रहता है। इस गुफा को कोटेश्वर गुफा भी कहा जाता है और अलकनंदा नदी इस गुफा से कुछ ही मीटर की दूरी पर बहती है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव केदारनाथ जाते समय, इस गुफा में ध्यान के लिए रुके थे। स्थानीय पौराणिक कथाओं के अनुसार यह मंदिर भस्मासुर के समय से ही अस्तित्व में है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब राक्षस भस्मासुर ने महोदव से प्राप्त शक्ति का प्रयोग करके भगवान शिव वध करना चाहता था। भगवान शिव भस्मासुर से दूर चले गए और भगवान विष्णु से मदद के लिए कोटेश्वर गुफा में मिले थे। उसके बाद भगवान विष्णु ने मोहीनी का रूप धारण कर, भस्मासुर राक्षस का वध किया था। ऐसी ही एक कथा हिमाचल प्रदेश में श्रीखंड महादेव और किन्नर कैलाश से जुड़ी है।
ऐसा भी माना जाता है कि कौरवों की मृत्यु के बाद जब पांडव मुक्ति का वरदान मांगने के लिए भगवान शिव को खोज रहे थे तो शिव इसी इसी गुफा मे ध्यानावस्था में रहे थे।
कोटेश्वर महादेव मंदिर में तीर्थयात्री भगवान शिव के दर्शन व आशीर्वाद लेने हेतु के लिए कोटेश्वर महादेव मंदिर आते हैं। कोटेश्वर मंदिर के आसपास का वातावरण शांतिमय है। अलकनंदा नदी के पानी के आवाज सुनाई देती रहती है।