कुन्जापुरी देवी मंदिर एक हिन्दू प्राचीन मंदिर है जो कि हिंडोलाखल रोड़, अदली, उत्तराखंड, भारत में स्थित है। कुन्जापुरी देवी का यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर ऋषिकेश 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुंजपुरी देवी मंदिर टिहरी गढ़वाल जिले में पहाड़ों की चोटी पर स्थित तीन सिद्ध पिठों के त्रिकोण को भी पूरा करता है इसमें तीन सिद्ध पीठ है - कुंज पुरी, सुरखंडा देवी और चंद्रभद्दी सिद्ध है। यह मंदिर समुद्र तल से 1,676 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यह मंदिर शिवालिक पहाड़ियों की 13 सबसे महत्वपूर्ण देवियों में से एक को समर्पित है। इस मन्दिर से सूर्योदय और सूर्यास्त का बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखाई देता है।
सड़क से कुंजापुरी देवी मंदिर के मुख्य मंदिर तक सीढ़ियों द्वारा पहुंचा जाता है जिनकी सख्या 80 हैं। कुंजपुरी देवी मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और एक सुंदर मंदिर परिसर है। कुंजपुरी देवी मंदिर से बर्फ के छायादार पहाड़ों और चोटियों जैसे विशाल स्वर्ग रोहिणी, गंगोत्री, बैंदरपंच और चैखंबा के विशाल दृश्य दिखाई देते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें सती की छाती इस स्थान पर गिरी थी इसलिए इसे मंदिर को श्री सुरकंडा देवी मंदिर भी कहा जाता है। सती के शरीर भाग जिस जिस स्थान पर गिरे थे इन स्थानों को शक्ति पीठ कहा जाता है।
कुन्जापुरी देवी मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर दुर्गा पूजा व नवरात्र के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।