हरतालिका तीज हिन्दूओं का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन को पूर्णतयः समर्पित है। हरतालिका तीज के दौरान महिलायें पूरे दिन व्रत रखती है, तथा इस दिन निर्जला व्रत रखती है अर्थात् पूरे दिन पानी भी नहीं पीती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए रखा था। इसलिए जो महिला इस व्रत को करती है, उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष तृतीया के दौरान मनाया जाता है। इस दिन, भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमाओं को रेत से बनाया जाता है, और वैवाहिक आनंद और संतान के लिए पूजा की जाती है।
पौराणिक क्था के अनुसार उनके पिता हिमालय ने उनका विवाह भगवान विष्णु से करने प्रस्ताव रखा तब माता ने भगवान विष्णु से विवाह करने से मना कर दिया। क्योंकि माता पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी। एक देवी पार्वती की सहेली ने उन्हें भगवान शिव से विवाह करने के लिए तपस्या करने के लिए कहा। माता पार्वती ने रेत से एक शिव लिंग बनाया और घोर तपस्या की। तपस्या के दौरान माता ने ना तो कुछ खाया और ना ही पानी पीया। भगवान शिव, देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए तथा देवी पार्वती को दर्शन दियें। तब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह करने का वचन दिया। तब से इस दिन को हरतालिका तीज से रूप में मनाया जाने लगा।
हरतालिका तीज सोमवार, 25 अगस्त 20255 को है।