भगवद गीता अध्याय 6, श्लोक 3

आरुरुक्षोर्मुनेर्योगं कर्म कारणमुच्यते ।
योगारूढस्य तस्यैव शमः कारणमुच्यते ॥3॥

अर्थ: जो योग में पूर्णता की अभिलाषा करते हैं उनके लिए बिना आसक्ति के कर्म करना साधन कहलाता है और वे योगी जिन्हें पहले से योग में सिद्धि प्राप्त है, उनके लिए साधना में परमशांति को साधन कहा जाता है।

संस्कृत शब्द का हिंदी में अर्थ:

आरूरूक्षो:-नवप्रशिक्षुः 
मुने:-मुनि की; 
योगम्-योगः कर्म बिना आसक्ति के कार्य करना; 
कारणम्-कारण; 
उच्यते-कहा जाता है; 
योगारूढस्य-योग में सिद्धि प्राप्त; 
तस्य-उसका; 
एव-निश्चय ही; 
शमः-ध्यान; 
कारणम्-कारण; उच्यते-कहा जाता है।


अध्याय 6



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